Credit Card लेना चाहते हैं? पहले खुद से पूछें ये 10 सवाल, वरना कार्ड बन जाएगा जी का जंजाल!
Written By: ज़ीबिज़ वेब टीम
Wed, Oct 09, 2024 08:00 AM IST
आज के वक्त में क्रेडिट कार्ड (Credit Card) सिर्फ शहरी इलाकों तक सीमित नहीं है, बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी इसका इस्तेमाल होना शुरू हो गया है. तमाम ऑनलाइन-ऑफलाइन सेल में भी क्रेडिट कार्ड्स पर खूब ऑफर आते हैं. ऐसे में अक्सर लोगों के मन में सवाल आता है कि उनके पास भी क्रेडिट कार्ड होना चाहिए. ध्यान रहे कि क्रेडिट कार्ड असल में एक कर्ज है, जिसे आपको करीब महीने भर में चुकाना होता है. ऐसे में कुछ लोग बहुत सारे क्रेडिट कार्ड लेकर कर्ज के जाल में फंस जाते हैं. अगर आप भी कोई क्रेडिट कार्ड लेना चाहते हैं तो पहले आपको खुद से ये 10 सवाल पूछ लेने चाहिए.
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1- क्या वाकई क्रेडिट कार्ड की जरूरत है?
आपको सबसे पहला सवाल तो खुद से यही पूछना चाहिए कि क्या आपको वाकई क्रेडिट कार्ड की जरूरत है या फिर आप सिर्फ इसलिए कार्ड ले रहे हैं क्योंकि आपके दोस्तों के पास भी कार्ड है? अगर आप क्रेडिट कार्ड के फायदों से बहुत इंप्रेस हैं और कार्ड लेना चाहते हैं तो भी आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि आप एक तरह का कर्ज ले रहे हैं, जिससे की जाने वाली शॉपिंग के खर्चों को आपको कुछ समय बात चुकाना होगा.
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2- कौन सा क्रेडिट कार्ड लेना चाहिए?
बाजार में कई तरह के क्रेडिट कार्ड आते हैं. हर तरह की जरूरत के लिए कोई न कोई क्रेडिट कार्ड जरूर है. ऐसे में क्रेडिट कार्ड लेने से पहले ये देखिए कि आपका अधिक खर्च किस काम के लिए होता है. उसके बाद उसी के हिसाब से क्रेडिट कार्ड लें, जिससे आपको अधिक फायदा हो. अगर आपका ट्रैवलिंग में बहुत ज्यादा खर्च होता है तो आप पेट्रोल वाला या ट्रैवल वाला कार्ड लें. अगर आप शॉपिंग के शौकीन हैं तो शॉपिंग वाला कार्ड लें. इस तरह आप उस कार्ड पर अधिक रिवॉर्ड प्वाइंट कमा सकेंगे. अगर आप ट्रैवल वाला कार्ड लेकर उससे कपड़े खरीदेंगे या पेट्रोल भरवाएंगे, तो कम फायदा मिलेगा.
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3- रिवॉर्ड प्वाइंट्स का फायदा कैसे उठाएं?
क्रेडिट कार्ड पर रिवॉर्ड प्वाइंट मिलते हैं ये तो सभी जानते हैं, लेकिन कई लोग ये नहीं समझते कि अलग-अलग तरह की ट्रांजेक्शन पर रिवॉर्ड प्वाइंट भी अलग-अलग मिलते हैं. जैसे डाइनिंग में आपको 100 रुपये खर्च करने पर 10 रिवॉर्ड प्वाइंट मिल सकते हैं, जबकि बाकी चीजों पर हर 100 रुपये पर 2 रिवॉर्ड प्वाइंट ही मिलें. अगर आपको पहले से ही पता होगा कि कहां रिवॉर्ड प्वाइंट ज्यादा मिल रहे हैं, तो आप वहां अधिकतर खर्च क्रेडिट कार्ड से करेंगे. क्रेडिट कार्ड लेने से पहले ये भी जान लें कि एक रिवॉर्ड प्वाइंट के बदले क्या मिलता है. कुछ बैंक 4 रिवॉर्ड प्वाइंट पर 1 रुपये देते हैं तो कुछ का हिसाब-किताब अलग होता है. कुछ तो रिवॉर्ड प्वाइंट को रिडीम करने के लिए सिर्फ शॉपिंग का ऑप्शन देते हैं, वह पैसे नहीं देते. वहीं जो रिवॉर्ड प्वाइंट के बदले पैसे देते हैं, वह रिडीम करने का भी कुछ चार्ज लेते हैं. तो रिवॉर्ड प्वाइंट्स रिडीम करते वक्त इन बातों का ध्यान रखें.
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4- ईएमआई पर शॉपिंग करना जरूरी है?
क्रेडिट कार्ड पर एक बहुत ही शानदार फीचर मिलता है, जो होता है ईएमआई का. आप ईएमआई पर कोई सामान खरीद सकते हैं. यहां तक कि अपने बिल को ईएमआई में भी बदल सकते हैं. हालांकि, क्रेडिट कार्ड की वजह से कर्ज के जाल में फंसने वाले अधिकतर लोग वही होते हैं, जो ईएमआई के चक्कर में पड़कर बहुत सारी शॉपिंग कर लेते हैं. कई बार लोग अपने बिल को एक के बाद एक ईएमआई में बदलते रहते हैं, जिसके चलते भी वह कर्ज के जाल में फंस जाते हैं. शॉपिंग करने से पहले ये सोच लें कि ईएमआई जरूरी है भी या नहीं, वरना आपको दिक्कत हो सकती है.
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5- मिनिमम ड्यू आखिर क्या होता है?
ऐसे भी बहुत सारे लोग होते हैं तो जो क्रेडिट कार्ड के मिनिमम ड्यू को चुकाकर अपने बकाया को अगले महीने तक के लिए कैरी फॉरवर्ड कर लेते हैं. अगर आप दो-तीन बार ऐसा करते हैं तो कोई बात नहीं, क्योंकि ऐसी हालत में आप बकाया पर ब्याज चुकाते हैं, जिससे क्रेडिट कार्ड कंपनी की कमाई होती है. लेकिन अगर आप इसे अपनी प्रैक्टिस बना लेते हैं तो इससे आप पर बकाया का कर्ज बढ़ता ही चला जाएगा और मुमकिन है कि आप कर्ज के जाल में फंस जाएं. ऐसे में आपके लिए कर्ज चुकाना मुश्किल हो सकता है, जो क्रेडिट कार्ड कंपनी के लिए एक बड़ा रिस्क होता है. ऐसे में बैंक आपके क्रेडिट कार्ड की लिमिट घटा भी सकता है. तो क्रेडिट कार्ड लेने से पहले मिनिमम ड्यू का खेल को समझ लें.
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6- क्रेडिट कार्ड का कितना इस्तेमाल करें?
ऐसे भी कई ग्राहक होते हैं तो अपने क्रेडिट कार्ड की लिमिट का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल कर लेते हैं. आपको मिली लिमिट और जितना अमाउंट आप इस्तेमाल कर लेते हैं उसे यूटिलाइजेशन रेश्यो कहते हैं. अगर ये यूटिलाइजेशन रेश्यो अधिक हो जाता है तो क्रेडिट लिमिट घटाई भी जा सकती है. मान लीजिए आपके कार्ड पर 1 लाख रुपये की लिमिट है और आप हर महीने 80 हजार से लेकर 90-95 हजार रुपये तक की लिमिट का इस्तेमाल कर रहे हैं तो ये आपके लिए निगेटिव प्वाइंट होता है. दरअसल, ऐसे लोगों को क्रेडिट कार्ड कंपनियां इस तरह देखती हैं कि ये लोग क्रेडिट यानी कर्ज बहुत ज्यादा लेते हैं और रिस्की यूजर हो सकते हैं. ऐसे में कई बार ग्राहकों की क्रेडिट लिमिट ही घटा दी जाती है. इसका आपके सिबिल स्कोर पर भी बुरा असर पड़ता है. कई बार ऐसे भी ग्राहक होते हैं जो क्रेडिट कार्ड तो बनवा लेते हैं, लेकिन उन्हें कार्ड इस्तेमाल करना ठीक से नहीं आता या अच्छा नहीं लगता. नतीजा ये होता है कि वह क्रेडिट कार्ड का बहुत ही कम इस्तेमाल करते हैं. बैंकों की तरफ से ऐसे ग्राहकों की क्रेडिट लिमिट घटा दी जाती है, क्योंकि बैंकों का फायदा तभी होगा जब अपने कार्ड का खूब इस्तेमाल करेंगे.
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7- कितने क्रेडिट कार्ड रखे जा सकते हैं?
कई बार कुछ ग्राहक एक के बाद एक कई सारे क्रेडिट कार्ड ले लेते हैं. इससे उनकी कुल लिमिट तेजी से बढ़ जाती है. मान लीजिए आपके एक कार्ड की क्रेडिट लिमिट 1 लाख रुपये है और आपके पास कुल मिलाकर 10 क्रेडिट कार्ड हैं तो इस तरह आपकी कुल लिमिट 10 लाख रुपये हो जाती है. अब अगर आप इन कार्ड का बहुत ज्यादा इस्तेमाल करते हैं तो भी बैंक को लगेगा कि आप कर्ज पर बहुत ज्यादा निर्भर रहते हैं और एक रिस्की यूजर हैं. ऐसे में बैंक आपकी क्रेडिट लिमिट को कम कर सकता है. जहां तक बात है कि आप कितने क्रेडिट कार्ड रख सकते हैं तो इसकी कोई तय सीमा नहीं है. हालांकि, आपको अपनी कमाई के हिसाब से ही कार्ड रखने चाहिए. ऐसा ना हो कि आपकी कमाई है हर महीने 30-40 हजार रुपये और आपने 10 क्रेडिट कार्ड रख लिए हैं, जिनकी कुल मिलाकर क्रेडिट लिमिट ही 10-15 लाख रुपये हो जाए.
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8- भुगतान के लिए मिलता है कितना अतिरिक्त समय?
अलग-अलग क्रेडिट कार्ड पर आपको भुगतान किए जाने के बाद पैसे चुकाने के लिए 30 दिन से 45 दिन तक का समय मिलता है. वहीं अगर आप कैश से भुगतान करते तो आपको तुरंत पैसे चुकाने होते. यहां तक कि अगर आप ऑनलाइन भुगतान करते तो भी आपके खाते से पैसे तुरंत कट जाते. ऐसे में जब आप क्रेडिट कार्ड लें तो कोशिश करें कि आपको अधिक से अधिक समय देने वाला क्रेडिट कार्ड मिलेगा, ताकि आप उसका अधिक से अधिक फायदा उठा सकें.
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9- बिल ना चुका पाने पर क्या होगा?
अगर आप क्रेडिट कार्ड लेने जा रहे हैं तो हो सकता है कि कभी ऐसी स्थिति हो जाए कि आप क्रेडिट कार्ड का बिल ना चुका पाएं. आपको से पहले से समझ लेना चाहिए कि ऐसी हालत में क्या होगा? ऐसे में क्रेडिट कार्ड कंपनियों की तरफ से तगड़ा ब्याज लगाया जाता है. तो आपको ये पहले से ही पता होना चाहिए कि आपको कितना ब्याज चुकाना पड़ सकता है, ताकि आप उस स्थिति के लिए भी तैयार रहें.
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